महेंद्र सिंह धोनी की टीम चेन्नई सुपर किंग्स पिछले कुछ समय में जीत की पटरी पर से उतर गई थी। ऐसा लग रहा था कि चेन्नई सुपर किंग्स इस साल प्लेऑफ में जगह नहीं बना पाएगी लेकिन अब महेंद्र सिंह धोनी की टीम चेन्नई सुपर किंग्स अपने पुराने फॉर्म में लौट चुकी है। रविवार को चेन्नई सुपर किंग्स का मुकाबला सनराइजर्स हैदराबाद के साथ था जो इस सीजन की सबसे मजबूत टीम है। सनराइजर्स हैदराबाद के विदेशी और भारतीय बल्लेबाजों ने मिलकर सभी टीमों की गेंदबाजों के नाक में दम कर रखा था लेकिन धोनी की टीम के सामने सनराइजर्स हैदराबाद और काव्या मारण की एक नहीं चली। आइए आपको बताते हैं कैसे धोनी की चतुराई की वजह से चेन्नई सुपर किंग्स ने हैदराबाद को धूल चटाने में कामयाबी हासिल की है।
धोनी के सामने चित हुई सनराइजर्स हैदराबाद की टीम
सनराइज हैदराबाद की टीम इस सीजन में लगातार शानदार प्रदर्शन कर रही थी और चेन्नई के खिलाफ मुकाबले में भी यह उम्मीद लग रही थी कि यह टीम शानदार प्रदर्शन करेगी। लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स ने अपने कप्तान ऋतुराज के 98 रनों की शानदार पारी की बदौलत पहले बल्लेबाजी करते हुए 212 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। ऋतुराज को शिवम दुबे का बढ़िया साथ मिला जिन्होंने सिर्फ 20 गेंद में 39 रनों की नाबाद पारी खेली। अंतिम ओवर में धोनी ने भी दो गेंद में पांच रन बनाकर टीम को एक बड़े लक्ष्य की तरफ अग्रसर कर दिया जिसके कारण चेन्नई एक चुनौती पूर्ण लक्ष्य खड़ा करने में सफल रही लेकिन सनराइजर्स हैदराबाद की बल्लेबाजी को देखकर यह लक्ष्य भी छोटा नजर आ रहा था। आइए आपको बताते हैं कैसे धोनी की चतुराई की वजह से हैदराबाद के बल्लेबाज कभी भी इस लक्ष्य का पीछा नहीं कर सके थे।
धोनी ने तोड़ दिया काव्या मारण का दिल
चेन्नई सुपर किंग्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए जब 212 रनों का लक्ष्य खड़ा किया तब सबको ऐसा लग रहा था कि हैदराबाद की टीम इस लक्ष्य को मात्र 15 ओवर में हासिल कर लेगी। क्योंकि अभिषेक शर्मा और हेड काफी अच्छे फॉर्म में चल रहे थे। लेकिन धोनी ने इन सभी बल्लेबाजों के खिलाफ पहले से ही रणनीति तैयार कर रखी थी। जिसका नतीजा यह रहा की पावर प्ले के भीतर ही सनराइजर्स हैदराबाद ने अपने सलामी बल्लेबाजों को खो दिया। धोनी की शानदार रणनीति की वजह से ही हैदराबाद की टीम पूरे 20 ओवर भी नहीं खेल सकी और सिर्फ 134 रनों पर सिमट गई। इस जीत के साथ अब चेन्नई सुपर किंग्स अंक तालिका में तीसरे नंबर पर काबिज हो चुकी है और हैदराबाद की टीम चौथे नंबर पर आ चुकी है।