यूपी बिहार में महापर्व छठ की तैयारी की जा रही थी लेकिन खरना के दिन ही ऐसी दुखद खबर सामने आई है कि हर कोई आश्चर्यचकित है। दरअसल भोजपुरी भाषा को विदेशों में पहचान दिलाने वाली लोक गायिका शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रही। शारदा सिन्हा एक ऐसी गायिका थीं जिनके आवाज में गाए हुए सभी गीत लोगों को पसंद आते थे। 26 तारीख को ही वह पिछले महीने दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती हुई थी इसके बाद से ही हर कोई उनकी सकुशल वापसी के लिए प्रार्थना करता नजर आ रहा था। मंगलवार की शाम को भी शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान ने यह जानकारी दी थी कि उनकी मां को वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया है। आइए आपका बताते हैं कैसे यह महान गायिका हम सबको छोड़कर भगवान के चरणों में समर्पित हो गई।
72 की उम्र में ली शारदा सिन्हा ने अंतिम सांस
शारदा सिन्हा जब 26 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती हुई थी तब हर कोई उनके लिए परेशान था। लेकिन दो दिन अस्पताल में रहने के बाद उनकी हालत में काफी तेजी से सुधार हुआ। उनका बेटा अंशुमन हर पल उनके साथ था और अस्पताल से शारदा सिन्हा ने एक गाना भी रिकॉर्ड किया था। लोगों को तब उम्मीद थी की छठी माई के आशीर्वाद से शारदा सिन्हा शानदार तरीके से घर वापसी जरूर करेगी। 2 महीने पहले ही शारदा सिन्हा के पति इस दुनिया को छोड़कर चल बसे थे और उसके बाद से ही उनकी सेहत बिगड़ गई थी। मंगलवार की सुबह जब शारदा सिन्हा के बारे में यह खबर आई कि वह वेंटिलेटर पर शिफ्ट हो गई है तब लोगों की हालत और भी खराब हो गई।
राजकीय सम्मान के साथ होगा शारदा सिन्हा का क्रिया कर्म
शारदा सिन्हा ने मंगलवार की रात को 9:20 पर अपने जीवन की अंतिम सांस ली। मंगलवार को पूरे दिन वह वेंटिलेटर पर थी और उनका बेटा काफी परेशान था। लाइव आकर अंशुमान ने उन खबरों को भी खारिज किया था जिसमें यह जानकारी मिली थी की शारदा सिन्हा मंगलवार की सुबह चल बसी है। उनके जाने की खबर खुद उनके बेटे ने सबको बताई। दिल्ली से अब उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जाएगा जहां पर उनका आवास है। पूरे राजकीय सम्मान के साथ शारदा सिन्हा का क्रिया कर्म किया जाएगा जिसमें कई बड़े कलाकार भी शामिल होंगे उन्होंने भोजपुरी भाषा के लिए जो कार्य किया वह बेहद सराहनीय है। बड़े राजनीतिक दिग्गज हो या बॉलीवुड कलाकार हो हर कोई अब शारदा सिन्हा के यूं अचानक छोड़ जाने से काफी दुखी है और लोग यही प्रार्थना कर रहे हैं कि भगवान उन्हें चरणों में स्थान दें।